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रामजन्म भूमि को लेकर बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने सौंपा ज्ञापन


बलिया पत्रिका / सिकन्दरपुर :- बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने रामजन्मभूमि अयोध्या मे चल रहें उत्खनन को नयें सिरे से उत्खनन करने व उस जगह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाबत सोमवार को राष्ट्रपति को संबोधित 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तहसीलदार सिकन्दरपुर दुधनाथ राम को सौपा। ज्ञापन में उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि जब पूरे देश में कोरोनावायरस के नाम पर लॉकडाउन घोषित कर सभी लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने का आदेश दिया गया था। लेकिन ठीक इसके विपरीत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या मे लोगों को भारी तादाद में इकट्ठा किया गया तथा शिलान्यास और समतलीकरण का काम शुरू किया गया। ज्ञापन में दावा किया गया है कि अयोध्या में जो 2.77 एकड़ एरिया है उसका समतलीकरण करते समय गौतम बुद्ध के नवीनतम व प्राचीन अवशेष मिले। इसकी खबर मीडिया मे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा न आकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के चंपत राय ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी। ज्ञापन में मांग किया गया है कि उत्खनन का कार्य दोबारा से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की निगरानी में कराया जाए तथा उत्खनन के बाद उस जगह की सुरक्षा प्रदान की जाएं। ज्ञापन में साफ साफ कहा गया है कि इस विषय पर सरकार ध्यान नहीं देती है तो बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के बैनर तले चार चरणों में देशव्यापी आंदोलन भी चलाया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से सत्येंद्र कुमार, सत्य प्रकाश, मोहन राव, उमेश कुमार बौद्ध, भंते अश्वजीत, जय बहादुर, अखिलेश बौद्ध, आलोक कुमार रंजन व विशाल कुमार आदि शामिल रहे।

आशुतोष पाण्डेय की रिपोर्ट