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डीएम ने किया औचक निरीक्षण, दिए कई निर्देश


बलिया पत्रिका / बाँसडीह :- जिलाधिकारी हरी प्रताप शाही टीएस बंधे पर निरीक्षण के दौरान पर्वतपुर रेगुलेटर का जायजा लेने के लिए रुक गए। रेगुलेटर संचालक को रेगुलेटर उठाने और गिराने को कहा। लेकिन रेगुलेटर में ना तो चेन बंधी थी, और ना ही वह सही हालत में था। डीएम जब नाराज हुए तो आनन-फानन में रेगुलेटर संचालक चेन लाया, बांधा और रेगुलेटर को उठाया गिराया। नाराज जिलाधिकारी ने सवाल किया कि बाढ़ का पानी आने के बाद सही होगा क्या ? बाढ़ खण्ड के एक्सईएन को फटकार लगाते हुए कहा कि अपने रेगुलेटर को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए। 

      
        इसके बाद सुल्तानपुर में पुलिस चौकी पर जाकर देखा कि बाढ़ के समय बचाव कार्य में प्रयोग होने वाले संसाधन रखे जा सकेंगे या नहीं। बाढ़ की स्थिति में वहां उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सुल्तानपुर का उपयोग करने के लिए बाढ़ विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया।


खेवसर पंचायत भवन पर रुके डीएम, मनरेगा सम्बन्धी दिए जरूरी निर्देश


      खेवसर में प्रवासियों को राहत सामग्री का वितरण हो रहा था इसी बीच डीएम वहां अचानक पहुंच गए। उन्होंने वहां मौजूद ग्रामीणों से वितरण व्यवस्था संबंधी जानकारी ली। पंचायत भवन में स्कूटी व कबाड़ भरे होने पर नाराजगी जताई। प्रधान व सचिव को नसीहत दी कि कम से कम पंचायत भवन को ठीक रखें। यह ग्राम पंचायत की संपत्ति है। सफाई के बाबत पूछे जाने पर प्रधान ओमप्रकाश यादव ने बताया कि गांव में दो सफाई कर्मी हैं, जिसमें एक को एसडीएम साहब रख लिए हैं। एक से काम चलाया जा रहा है। मनरेगा योजना के तहत बंधे पर मिट्टी डालने के कार्य के सम्बंध में जानकारी ली। लेकिन ग्राम प्रधान को मनरेगा से संबंधित गाइडलाइन की सही सटीक जानकारी नहीं थी। इसके अभाव में काम नहीं हो पा रहा था। डीएम ने बीडीओ बांसडीह को फोन कर निर्देश दिया कि मिट्टी कार्य के सबन्ध में गांव में आकर सही जानकारी दें। यहां के कार्य पर नजर रखें। बंधे पर मिट्टी डालने के कार्य को प्राथमिकता पर कराने का निर्देश दिया। एडीएम राम आसरे, प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट राजेश यादव, डिप्टी कलेक्टर सर्वेश यादव, एसडीएम बांसडीह दुष्यंत मौर्य, तहसीलदार गुलाब चंद्र व बाढ़ विभाग के अधिकारी साथ थे।

आशुतोष पाण्डेय की रिपोर्ट