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लोकतंत्र नहीं देश मे चल रहा तानाशाही तंत्र : संजय यादव


बलिया पत्रिका / चिलकहर :- मध्य सितंबर से शुरू होने वाले लोक सभा सदन की बैठक मे कोई भी माननीय सदस्य देश के सबसे बडे सदन मे प्रश्न नही पूछ सकते है। केवल मौनव्रती श्रोता बन सरकार की बात सुन सकते है। कुछ इसी तरह के केन्द्र सरकार के जारी फरमान पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर युवा नेता एवं वर्तमान जिला पंचायत सदस्य संजय यादव ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब हिन्दुस्तान मे जनता द्वारा चुनी गई कोई लोकतान्त्रिक सरकार नही बल्कि तानाशाहो की सरकार चल रही है। जो सदन मे अपने मूलभूत  मौलिक अधिकार प्रश्न पूछने कोई मुद्दा उठाने से वंचित हो गये है। देश मे अघोषित आपातकाल का है। सपा युवा नेता यादव ने कहा कि केंद्र के नक्शे कदम पर ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी चल रही है जहां जनता के शोषण अत्याचार अनाचार उत्पीडन के विरुद्ध आवाज उठाने वालो को भी दबाया और मारा पीटा जाता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाय कम होगी। श्री यादव ने उत्तर प्रदेश मे प्राथमिक विद्यालयो के पंंद्रह हजार प्रधानाध्यापको को पदावनत कर पुनःअध्यापक बनाया जाना को सरकार की तानाशाही का प्रतीक बताते हुए इसकी घोर भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि शिक्षक गुरु होता है।उसको प्रोन्नति देकर फिर पदावनत करना गुरू जनो का  घोर अपमान है। वैसे तो सरकार के इस मनमाने आदेश को बेसिक शिक्षा परिषद ने निरस्त कर दिया है। श्री यादव ने कहा कि ऐसा कुकृत्य वह सरकार कर रही है, जो अपने को राम के पदचिन्हों पर चलने का दावा कर रही है। श्री यादव ने कहा कि आज प्रदेश मे जंगल राज कायम है। चारो तरफ अत्याचार अनाचार से जनता त्रस्त है। वही सत्ता पक्ष के नेता भ्रष्टाचार मे मस्त है। देश प्रदेश की आर्थिक हालत अति दयनीय है। योगी सरकार के मंत्री  अधिकारी निरंकुश हो गये है। राजनेता जनता को लूटने मे मसगूल है वही अधिकारी जनता  अनवरत जुर्म कर रही है। इस सरकार मे बाल बृद्ध और नर नारियों पर जुल्म हो रहा है। पाँच छः साल की बच्चियां भी नरपिशाचों के कामवासना का शिकार हो रही है। अब जनता इस सरकार जुर्मी तानाशाह सरकार से ऊब चुकी है। इसका विधान सभा चुनाव मे जाना तय है।

आशुतोष पाण्डेय की रिपोर्ट